देश विदेश के लोगों को मथुरा वृंदावन के बारे में सही जानकारी मिलती रहे, आप लोंगों को कैसे पूरे मथुरा वृन्दावन के दर्शन करने है, कैसे घूमना है, सम्पूर्ण जानकारी यंहा मिल जाएगी।
मथुरा में भगवान श्री कृष्ण का जन्म स्थान है। श्री कृष्ण जन्म स्थान देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक धार्मिक स्थल के रूप में माना जाता है।
यह स्थान प्राचीन काल का स्थान तो है ही, लेकिन इसका जीर्णोद्धार पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रेरणा से किया गया। देश-विदेश से हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन करने के लिए प्रतिदिन आते हैं।
मथुरा Mathura
श्री कृष्ण का जन्म स्थान
Shri Krishn Janmsthan
यह स्थान प्राचीन काल का स्थान तो है ही, लेकिन इसका जीर्णोद्धार पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रेरणा से किया गया। देश-विदेश से हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन करने के लिए प्रतिदिन आते हैं।
श्री कृष्ण जन्म स्थान के खुलने का समय Shri Krishna Janmsthan kulne ka samay
यह वह स्थान है जंहा भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। यह स्थान मथुरा शहर के लगभग मध्य में है।
ग्रीष्मकाल
प्रातः 5.00 -12:00 सांय 4.00 - 9.00
शीतकाल
प्रातः 6.00 -12:00 सांय 3.00 - 8.00
Mathura Dwarikadhish ji Ka Mandir मथुरा द्वारकाधीश जी का मंदिर
मथुरा में द्वारकाधीश जी का मंदिर यमुना के पास है। यंहा पर प्रतिदिन बहुत बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं और द्वारकाधीश जी मंदिर के पास यमुना जी का भी दर्शन करते हैं।
श्री द्वारकाधीश मन्दिर खुलने का समय
ग्रीष्मकालप्रातः 6.30 -10:30 सांय 3.30 - 6.30
शीतकाल
प्रातः 6.30 -10:30 सांय 3.30 - 6.30
यमुना जी की आरती मथुरा Yamunaji Ki Arti
ग्रीष्म कालसायं 5 से 7 बजे तक
शीतकाल
सायं 4 से 7 बजे तक
Yamuna ji |
वृंदावन Vrindavan
यह मथुरा से 12 km दूर है। वृंदावन में श्रद्धालुओं की बहुत अधिक भीड़ बनी रहती है। देश-विदेश के श्रद्धालु यहां आते रहते हैं और कुछ तो यहां स्थाई रूप से बस गए हैं। वृंदावन में बांके बिहारी जी के मंदिर में दर्शन करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा होती है।उसके बाद वृंदावन में अनेक मंदिर हैं जहां लोग दर्शन करने जाते हैं और सबको जाना भी चाहिए। जैसे प्रेम मंदिर, अंग्रेजों का मंदिर, अक्षय पात्र चंद्रोदय मंदिर, रंग जी का मंदिर, निधि वन, प्रियाकांत जू मंदिर का दर्शन करते हैं। सभी मंदिर सुबह शाम खुलते हैं दोपहर में बंद रहते हैं।
bihari ji |
वृन्दावन में मंदिरों के खुलने का समय Vrindavan me mandiron ke khulne ka samay
श्री बाँके बिहारी मन्दिर Shri Bankey Bihari Mandir Vrindavan
वृन्दावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने वालों की संख्या सबसे अधिक होती है।
ग्रीष्मकाल प्रातःकाल 7.45 -12:00 सांय 5.30 - 9.00
शीतकाल
प्रातःकाल 8.45 -1:00 सांय 4.30 - 8.30
Prem Mandir, Vrindavan |
प्रेम मन्दिर Prem Mandir
यह छटीकरा से वृन्दावन मार्ग पर पड़ता है। इसे कृपालु जी महाराज ने बनवाया था। यह बहुत ही भव्य बना हुआ है। ग्रीष्मकाल
प्रातः 6.00 -12:00 सांय 5.00 - 8.30
शीतकाल
प्रातः 8.00 -1:00 सांय 4.00 - 8.00
Shri veshno devi dham Mathura |
वैष्णो देवी मन्दिर Veshno Devi ka Mandir
यह छटीकरा से वृन्दावन मार्ग पर पड़ता है। यंहा वैष्णो देवी माता की विशाल प्रतिमा बानी हुई है। जैसा कि आप ऊपर दिए चित्र में देख सकते हैं।
ग्रीष्मकाल
प्रातःकाल 6.00 -12:00 सांय 5.00 - 8.30
शीतकाल
प्रातःकाल 6.00 -1:00 सांय 4.00 - 8.0
Iscon Temple |
अंग्रेजों का मन्दिर Iscone temple
यहां पर अंग्रेजों की संख्या बहुत अधिक रहती है। अंग्रेज लोग यहां कृष्णा भक्ति में नाचते झूमते हैं। शाम के समय यहां का दृश्य बहुत ही मनोहारी हो जाता है। यह छटीकरा से वृन्दावन मार्ग पर पड़ता है।ग्रीष्मकाल
प्रातःकाल 7.30 -12:45 सांय 4.30 - 8.30
शीतकाल
प्रातःकाल 7.30 -12:30 सांय 4.00 - 8.00
Priya Kant Ju Mandir |
श्री प्रियाकांत जू मन्दिर Priyakant ju Mandir
इस मंदिर का निर्माण ठाकुर देवकीनंदन महाराज ने करवाया था। यह मंदिर कमल के आकार का बना हुआ है। इस मंदिर में राधा कृष्ण की युगल छवि के दर्शन होते हैं। यह छटीकरा से वृन्दावन मार्ग पर पड़ता हैग्रीष्मकाल
प्रातःकाल 5.00 -12:00 सांय 5.00 - 9.00
शीतकाल
प्रातःकाल 6.00 -12:00 सांय 4.00 - 8.00
Nidhivan |
श्री निधिवन मन्दिर Nidhivan Mandir
निधिवन वह स्थान है जो श्री बांके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल है। यंहा आज भी रात्रिकाल में कोई नहीं रहता है। यहां आज भी श्रीकृष्ण रास लीला के लिए प्रतिदिन आते हैं।
ग्रीष्मकाल
प्रातःकाल 6.00 -12:30 सांय 5.30 - 8.00
शीतकाल
प्रातःकाल 6.00 -12:00 सांय 4.00 - 7.00
गोवर्धन में गिरिराज जी का दान घाटी मंदिर है, जहां लोग दर्शन करते हैं।इसके अलावा गोवर्धन पर्वत और राधा कुंड की परिक्रमा करते हैं।
भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर में बृजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिये गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाया था।
प्रातःकाल 6.00 -12:30 सांय 5.30 - 8.00
शीतकाल
प्रातःकाल 6.00 -12:00 सांय 4.00 - 7.00
Govardhan |
गोवर्धन - GOVERDHAN
गोवर्धन में गिरिराज जी का दान घाटी मंदिर है, जहां लोग दर्शन करते हैं।इसके अलावा गोवर्धन पर्वत और राधा कुंड की परिक्रमा करते हैं।
भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर में बृजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिये गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाया था।
गोवर्धन पर्वत को भक्तजन गिरिराज जी भी कहते हैं। यहां पर दो प्रमुख मंदिर हैं जिनके दर्शन का समय निम्न है।
प्रातःकाल 5.50 -12:30 सांय 4.30 - 8.30
शीतकाल
प्रातःकाल 7.30 -12:30 सांय 4.00 - 8.30
प्रातःकाल 7.30 -12.30 सांय 4.00 - 8.30
शीतकाल
प्रातःकाल 7.30 -12.30 सांय 4.00 - 8.30
प्रातःकाल 5.00-12:30 सांय 4.30 - 8.30
शीतकाल
प्रातःकाल 5.00-12:30 सांय 4.30 - 8.30
प्रातःकाल 7.45 -12:00 सांय 5.30 - 9.00
शीतकाल
प्रातःकाल 8.45 -1:00 सांय 4.30 - 8.30
गोकुल में भगवान श्री कृष्ण बचपन में रहे थे, गोकुल भी दर्शन करने जाते हैं। यमुना नदी के एक तरफ गोकुल है और एक तरफ मथुरा, यंहा भगवान श्रीकृष्ण ने 11 साल एक महीना और 22 दिन रहे थे।
प्रातः 7.00 -10.30 सांय 3.00 - 8.30
शीतकाल
प्रातः 7.00 -10.30 सांय 3.00 - 8.30
मंदिरों के दर्शन का समय
ग्रीष्मकाल
प्रातः 6.00 -11:00 सांय 4.00 - 9.00
शीतकाल
प्रातः 7.00 -12:00 सांय 3.00 - 8.00
आने जाने के लिए मथुरा जंक्शन है। पूरे भारतवर्ष के लिए ट्रेन मिलती है। मथुरा रेलवे स्टेशन ऐसा रेलवे स्टेशन है इसकी कनेक्टिविटी पूरे भारत से है । मथुरा से दो हाईवे जुड़े हुए हैं एक हाईवे है यमुना एक्सप्रेसवे और दूसरा हाईवे है NH2
यदि आप हवाई यात्रा से आना चाहते हैं तो आपको दिल्ली एयरपोर्ट आना पड़ेगा। दिल्ली से मथुरा 150 किलोमीटर की दूरी है। दिल्ली से मथुरा के लिए हाईवे है।
खाने पीने के लिए होटलों की बहुत बड़ी संख्या है। अच्छे होटल और ढावे खाना खाने के लिए उपलब्ध है।
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Danghati Mandir |
श्री दानघाटी मन्दिर
ग्रीष्मकालप्रातःकाल 5.50 -12:30 सांय 4.30 - 8.30
शीतकाल
प्रातःकाल 7.30 -12:30 सांय 4.00 - 8.30
श्री मुखारविंद जतीपुरा
ग्रीष्मकालप्रातःकाल 7.30 -12.30 सांय 4.00 - 8.30
शीतकाल
प्रातःकाल 7.30 -12.30 सांय 4.00 - 8.30
बरसाना Barsana
यहां राधा रानी जी का मंदिर है और राधा जी का गांव है । दुनिया भर की सबसे मशहूर होली ब्रज में बरसाने में ही होती है जिसे लठमार होली कहते हैं।
बरसाने में दो मंदिर प्रमुख है नंबर एक पर राधा रानी जी का मंदिर दूसरे नंबर पर कीर्ति मंदिर कृपालु महाराज जी का बनाया हुआ है जो बहुत ही भव्य है।
बरसाने में दो मंदिर प्रमुख है नंबर एक पर राधा रानी जी का मंदिर दूसरे नंबर पर कीर्ति मंदिर कृपालु महाराज जी का बनाया हुआ है जो बहुत ही भव्य है।
Barsana |
बरसाना के मंदिरों के दर्शन का समय
राधा जी का मंदिर बरसाना Radha Rani Temple Timings
यह मंदिर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है जैसा की आप चित्र में देख रहे हैं।
ग्रीष्मकालप्रातःकाल 5.00-12:30 सांय 4.30 - 8.30
शीतकाल
प्रातःकाल 5.00-12:30 सांय 4.30 - 8.30
Kirti Mandir Barsana |
कीर्ति मन्दिर, बरसाना Kirti Mandir Barsana
यह बरसाना में स्थित मंदिर बहुत ही भव्य बना हुआ है। इसे कृपालु जी महाराज ने बनवाया था। यह मंदिर राधा जी को समर्पित है।
ग्रीष्मकालप्रातःकाल 7.45 -12:00 सांय 5.30 - 9.00
शीतकाल
प्रातःकाल 8.45 -1:00 सांय 4.30 - 8.30
गोकुल Gokul
गोकुल में भगवान श्री कृष्ण बचपन में रहे थे, गोकुल भी दर्शन करने जाते हैं। यमुना नदी के एक तरफ गोकुल है और एक तरफ मथुरा, यंहा भगवान श्रीकृष्ण ने 11 साल एक महीना और 22 दिन रहे थे।
Gokul |
मंदिरों के दर्शन का समय
ग्रीष्मकालप्रातः 7.00 -10.30 सांय 3.00 - 8.30
शीतकाल
प्रातः 7.00 -10.30 सांय 3.00 - 8.30
बलदेव Baldev
गोकुल से थोड़ा आगे बल्देव है। जहां दाऊजी का मंदिर है भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलदाऊ जी यंहा पर भव्य मंदिर है।Dau baba Ka Mandir Baldev |
मंदिरों के दर्शन का समय
ग्रीष्मकाल
प्रातः 6.00 -11:00 सांय 4.00 - 9.00
शीतकाल
प्रातः 7.00 -12:00 सांय 3.00 - 8.00
कहां ठहरे
मथुरा में ठहरने के लिए अनेक होटल और धर्मशालाएं हैं सस्ती से लेकर महंगी तक। होटलों की भरमार है।मथुरा वृंदावन में आने का कौन सा मौसम ठीक रहता है
मथुरा वृंदावन में आने के लिए आप अक्टूबर से लेकर अप्रैल तक का महीना बहुत अच्छा रहता है। इस मौसम में ना सर्दी होती है ना गर्मी होती है।आने जाने के लिए मथुरा जंक्शन है। पूरे भारतवर्ष के लिए ट्रेन मिलती है। मथुरा रेलवे स्टेशन ऐसा रेलवे स्टेशन है इसकी कनेक्टिविटी पूरे भारत से है । मथुरा से दो हाईवे जुड़े हुए हैं एक हाईवे है यमुना एक्सप्रेसवे और दूसरा हाईवे है NH2
यदि आप हवाई यात्रा से आना चाहते हैं तो आपको दिल्ली एयरपोर्ट आना पड़ेगा। दिल्ली से मथुरा 150 किलोमीटर की दूरी है। दिल्ली से मथुरा के लिए हाईवे है।
खाने पीने के लिए होटलों की बहुत बड़ी संख्या है। अच्छे होटल और ढावे खाना खाने के लिए उपलब्ध है।
Radha Krishna |
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