आजकल के खानपानन और जीवनशैली के कारण कब्ज एक बहुत ही आम समस्या हो गई है, जो ज्यादातर लोगों में पाई ही जाती है। कब्ज को अंग्रेजी में constipation भी कहते हैं। कब्ज एक ऐसी बीमारी है जिसमें मल पेट में ही जमा होता रहता है और जब मल का त्याग ठीक से नही निकल पाता है तो पेट में भारीपन महसूस होता है। जिसकी वजह से गैस, एसिडिटी, पेट में भारीपन, सर दर्द, जैसी परेशानियां होने लगती है। लेकिन ऐसा नहीं की इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है।
इसलिए कब्ज से जुड़ी सभी जानकारियां होना जरूरी है, जिससे बचाव और इलाज किया जा सके।
क्या है कब्ज
जब किसी व्यक्ति का मल बहुत कड़ा हो जाता है और मल त्यागने में मुश्किल होती है तो उसे कब्ज कहते हैं।कब्ज के कारण पाचन तंत्र खराब होने लगता है, और मल शरीर से बहुत कम निकलने लगता है। मल निकलने में शरीर पर जोर भी बहुत लगाना पड़ता है।
जिसकी वजह से पेट में दर्द और गुदा के आसपास परिशानी होने लगती है।
एक स्वस्थ इंसान को एक सप्ताह में 12 बार मल त्याग करना चाहिए। कब्ज का इलाज अगर सही समय पर नहीं किया जाए तो शरीर में अन्य बीमारियां भी आने लगती है।
कब्ज के लक्षण क्या हैं?
अगर किसी व्यक्ति को नीचे दिए हुए लक्षण नज़र आते हैं तो ये कब्ज के लक्षण है और उसे तुरंत अपना इलाज शुरू कराना चाहिए-
• मल कम होना:
कब्ज का प्रमुख लक्षण है मल का काफी कम होना।
ऐसे व्यक्ति को 1 हफ्तों में 3 बार ही मल त्याग होता है
• मल त्यागने में ज़ोर लगना:
जब किसी व्यक्ति को मल त्याग करते समय ज़ोर लगाना पड़े, तो यह कब्ज का संकेत हो सकता है।
• मलाशय में रूकावट महसूस होना:
कई बार लोगों को लगता है की उन्हें मल आने वाला है, लेकिन बाथरूम जाने में ऐसा होता नहीं है। मलाशय में रूकावय महसूस होती है। ऐसी स्थिति में भी ये कब्ज का लक्षण हो सकता है।
• मलाशय का पूरी तरह खाली न होना:
यदि किसी व्यक्ति को मल त्यागने के बाद भी ऐसा महसूस हो कि उसका मलाशय पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है, तो यह कब्ज का संकेत हो सकता है।
• मल का सख्त होना:
यही किसी व्यक्ति को सख्त मल को सख्त मल की शिकायत है तो ये कब्ज का ही लक्षण है।
कब्ज किन कारणों से होता है?
कब्ज की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, जिसके पीछे बहुत सारे कारण होते हैं। जिनमे से कुछ कारण नीचे दिए हुए हैं-
• खान-पान में बदलाव करना:
अगर बार खान पान को बदला जाए तो इससे कब्ज की शिकायत होने लगती है।
• पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना:
पानी हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरत होता है।
यह हमारे शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने के साथ-साथ एनर्जी भी देता है, लेकिन पानी कम पीते है तो इससे कब्ज की शिकायत होने लगती है।
• डेयरी उत्पादों का सेवन ज्यादा करना:
जो लोग डेयरी उत्पादों का सेवन ज्यादा करते हैं। उन लोगों में कब्ज की शिकायत ज्यादा होती है।
• शारीरिक गतिविधियाँ कम करना:
अगर कोई व्यक्ति शारीरिक गतिविधियाँ ज्यादा नहीं करता है, तो उसे कब्ज होने की संभावना काफी अधिक रहती है।
• मल त्याग ना करना:
अगर 24 घंटे तक कोई व्यक्ति मल त्याग नहीं करता है तो उसे कब्ज की शिकायत हो सकती है।
• फाइबर युक्त भोजन करना:
फाइबर युक्त भोजन खाने को पचाने में मदद करता है, इसलिए अगर खाने में फाइबर की मात्रा ना हो तो कब्ज की समस्या शुरू होने लगती है।
• यूरीन को ज्यादा समय तक रोके रखना:
कई बार हम काम में इतना बिजी हो जाते है की यूरीन रोकते है। लेकिन ऐसा करना ठीक नहीं है। इससे भी कब्ज की शिकायत होने लगती है।
• पर्याप्त नींद न सोना:
एक व्यक्ति को 24 घंटे में कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। लेकिन अगर नींद अच्छे से न ली जा सके तो पाचन तंत्र ठीक से काम नही करता है। और कब्ज की शिकायत हो सकती है।
कब्ज की पहचान कैसे करें?
कब्ज की पहचान 5 तरीके से की जा सकती है जो निम्न प्रकार से हैं-
• मेडिकल हिस्ट्री की जांच करके:
कब्ज की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है मेडिकल हिस्ट्री की जांच करना। इसमें व्यक्ति के पहले की पेट की समस्याओं का पता लगाया जाता है।
• ब्लड टेस्ट करके:
ब्लड टेस्ट के द्वारा भी कब्ज की पहचान की जाती है। इसमें डॉक्टर शरीर के अंदरूनी हिस्से की गतिविधि को मॉनिटर करते हैं।
• यूरिन टेस्ट करके:
कब्ज का पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट भी किया जाता है।
• स्टूल टेस्ट करके:
कब्ज का संबंध पेट से हैं, इसलिए स्टूल टेस्ट के द्वारा कब्ज का पता लगाया जाता है।
• एक्स-रे करना:
कई बार, डॉक्टर कब्ज का पता लगाने के लिए एक्स-रे का भी सहारा लेते हैं। इसमें पेट का एक्स-रे करके डॉक्टर पेट के अंदरूनी स्थिति को मॉनिटर करते हैं।
कब्ज के क्या जोखिम हो सकते हैं?
अगर कोई व्यक्ति कब्ज से पीड़ित है, तो उसे निम्न जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है-
• गुदे की नस में सूजन होना:
कब्ज के कारण गुदे (anus) की नस में सूजन आ सकती है। जिसकी वजह से गुदे में दर्द महसूस हो सकता है।
• गुदे की त्वचा का छिलना:
कब्ज की वजह से गुदे की त्वचा छिल जाती है। इसलिए ऐसी स्थिति में मेडिकल सहायता लेना जरूरी होता है।
• बवासीर होना:
यदि इस पेट की समस्या का इलाज लंबे समय तक न किया जाए तो इससे बवासीर भी बन सकता है।
• मूत्र संबंधी समस्याएं होना:
कब्ज के कारण यूरिन ट्रेक इंफेशन भी हो सकता है।
कब्ज की रोकथाम कैसे कर सकते है?
अगर कोई व्यक्ति निम्नलिखित बातों का पालन करता है, तो वह कब्ज की रोकथाम आसानी से कर सकता है-
• हेल्थी डाइट अपनाना:
कब्ज का एक महत्वपूर्ण कारण अनहेल्थी फूड है।
इसलिए कब्ज की रोकथाम के लिए खानपान में हेल्थी डाइट को फॉलो करना चाहिए।
• एक्सराइज़ करना:
अगर कोई व्यक्ति हर रोज़ एक्सराइज़ करता है, तो उसको बीमारी की संभावना काफी कम रहती है।
इसलिए लोगों को हर रोज़ कम-से-कम 30 मिनट तक एक्सराइज़ करनी चाहिए ताकि उन्हें किसी तरह की बीमारी न हो।
• अधिक मात्रा में पानी पीना:
जो लोग काफी कम पानी पीते हैं उन लोगों में कब्ज होने की आशंका काफी ज्यादा होती है। इसलिए कब्ज की रोकथाम के लिए रोज़ 6-8 गिलास पानी पीना चाहिए।
• स्ट्रेस से दूर रहना:
जो लोग स्ट्रेस ज्यादा लेते है उन लोगो में कब्ज की शिकायत ज्यादा होती है, इसलिए स्ट्रेस लेवल को मेंटेन रखना जरूरी है।
• टॉयलेट को ज्यादा देर के लिए न रोकना:
अगर कोई व्यक्ति टॉयलेट को ज्यादा देर के लिए रोकता है, तो उसे कब्ज के साथ साथ और बीमारियाँ होने की संभावना रहती है।
• सुबह गर्म पानी पीना:
कब्ज की समस्या को रोकने के लिए सुबह गर्म पानी पीना चाहिए। ऐसा करने से मल त्याग करने में भी आसानी होती है।
कब्ज का इलाज कैसे किया जा सकता है?
जैसे ही किसी व्यक्ति को कब्ज का पता चलता है, वैसे ही कब्ज का इलाज निम्नलिखित तरीके से किया जा सकता है-
• घरेलू नुस्खे अपनाना:
कब्ज का सबसे अच्छा इलाज घरेलू नुस्खे में है। इसके लिए नींबू पानी पीना, सादा भोजन करना चाहिए।
• दवाई लेना:
कब्ज का इलाज दवाई के द्वारा भी संभव होता है। यह दवाइयां कब्ज को बढ़ने और राहत प्रदान करने का काम करती हैं।
• सप्लीमेंट का सेवन करना:
सप्लीमेंट लेकर भी कब्ज को ठीक किया जाता है। और इन सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही ही करना चाहिए।
• बायोफिडबेक थेरेपी करना:
कब्ज के इलाज के लिए बायोफिडबेक थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कब्ज के साथ पेट की समस्याओं को ठीक करने को कोशिश की जाती है।
• सर्जरी कराना:
जब कब्ज का इलाज किसी भी तरीके से नहीं हो पाता है, तब डॉक्टर सर्जरी का सहारा लेते हैं। इसमें कोलोन (colon) को निकाल दिया जाता है, ताकि मल त्याग सही तरीके से हो सके।
कब्ज का घरेलू इलाज के लिए उपाय-
आप कब्ज के लिए निम्न घरेलू उपचार आजमा सकते हैंः-
1. सुबह उठकर नींबू पानी में काला नमक मिलाकर पीना चाहिए, इससे पेट अच्छी तरह साफ होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती।
2. अगर आप रोज सुबह खाली पेट 4 से 5 काजू, और मुनक्के खाते हैं, तो कब्ज की समस्या दूर होगी। इसके अलावा रात को सोने से पहले 6 से 7 मुनक्का खाने से भी कब्ज की शिकायत दूर होती है।
3. रोज हरड़ का चूर्ण या त्रिफला को गुनगुने पानी के साथ पीने से कब्ज की समस्या दूर होती है। इसके अलावा पेट में बनने वाली गैस की समस्या से भी निजात मिलता है।
4. रात मे सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर पिएं। इसका नियमित सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी।
5. सोते समय अरंडी का तेल हल्के गर्म दूध में मिलाकर भी पीने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है और पेट भी अच्छे से साफ होता है।
6. ईसबगोल की भूसी कब्ज के लिए रामबाण इलाज है। इसका प्रयोग दूध या पानी के साथ, रात को सोते वक्त करना चाहिए।
7. अमरूद और पपीता कब्ज की समस्या के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। इनको कभी भी खाया जा सकता है जिससे पेट की समस्याएं दूर होती हैं और त्वचा भी खूबसूरत बनती है।
8. किशमिश को कुछ देर पानी में भिगो के खाने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है। इसके अलावा
9. अंजीर को भी रातभर पानी में भिगाकर रखें और सुबह इसका सेवन करने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।
10. पालक कब्ज के लिए फायदेमंद होता है। रोज पालक का रस पीने से कब्ज की बीमारी दूर होती है।
11. कब्ज से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और योगा करना बहुत जरूरी है।
सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल?
Q1. कब्ज को जल्दी कैसे किया जा सकता है?
Ans- कब्ज को ठीक करने के लिए खूब पानी पीना, पौष्टिक भोजन करना, एक्सराइज़ करना, इत्यादि को अपनाया जाना चाहिए।
Q2. कब्ज किस चीज़ का संकेत होता है?
Ans- कब्ज पेट की बीमारी का संकेत होता है।
यह समस्या जेनेटिक कारण, सही भोजन न करने इत्यादि से हो सकता है।
Q3. कब्ज का प्रमुख कारण क्या हैं?
Ans- कब्ज की बीमारी कई कारणों से हो सकती है जैसे पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना, किसी अन्य बीमारी से पीड़ित होना, एक्सराइज़ न करना इत्यादि।
Q4. क्या कब्ज जानलेवा हो सकता है?
Ans- कब्ज में ज्यादा दिक्कत नहीं होती है, लेकिन लंबे समय तक इसका इलाज न करवाया जाए, तब यह घातक हो सकता है।
Q5. कब्ज होने पर किस तरह का भोजन करना चाहिए?
Ans- कब्ज होने पर लोगों को अपने भोजन में फाइबर वाली चीज़े जैसे सेब, कीवी, कठे फल इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
Q6. क्या कब्ज कैंसर का संकेत होता है?
Ans- नहीं, कब्ज कैंसर का संकेत नहीं होता है।
Q7. क्या तनाव से कब्ज हो सकता है?
Ans- हां बिल्कुल, तनाव से कब्ज की समस्या हो सकती है।
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