श्रीकृष्ण के जन्म और उनकी विविध लीलाओं से सम्बधित है, ब्रज कहलाता है।
बृज वह स्थान है जंहा श्रीकृष्ण भगवन का जन्म हुआ। ब्रज वह स्थान है जिस स्थान पर भगवन श्री कृष्णा का बचपन बीता। जहां प्रभु ने विभिन्न लीलाओ को साक्षात् रूप में किया।Where Is Gokul Vrindavan Nandgoan Barsana
इस प्रकार बृज वर्तमान मथुरा मंडल का रूप है। इसमें मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, गोकुल, महाबन, वलदेव, नन्दगाँव, बरसाना, डीग और कामबन आदि भगवान श्रीकृष्ण के सभी लीला-स्थल सम्मिलित हैं।उक्त ब्रज की सीमा को चौरासी कोस माना गया है।
Braj |
ब्रजभाषा
सरल भाषा में कहें तो बृज मथुरा के आस पास के क्षेत्र को कहते है . यहां ब्रजभाषा बोली जाती है कि काफी मिठास भरी है। क्योकि जिस भाषा को प्रभु स्वयं बोलते थे तो उस भाषा का क्या माधुर्य होगा। खुद ही अंदाजा लगा लीजिये।
बृज की महिमा
बृज की महिमा ऐसी है जिनके मन में राधा कृष्ण के प्रति प्रेम होता है यही बस जाता है। आज के इस आधुनिक युग में ब्रज में अनेक आधुनिक कॉलोनियां और हाईराइज फ्लैट्स बन गए हैं। जिनमे देश विदेश के अनेक लोग भारी संख्या में रहते हैं।
माखन चोर
बृज का क्षेत्र हमेशा से ही दूध, दही, माखन मिश्री से परिपूर्ण रहा है। क्यों कि श्री कृष्णा को ये सब बहुत पसंद था और वो इसके लिए चोरी भी करते थे इसलिए उन्हें माखन चोर भी कहा जाता है। आपने बिहारी जी मंदिर पर लस्सी तो जरूर पी होगी। नहीं पी है तो अवश्य पिजियेगा
बृज में होली
बृज में होली का विशेष महत्त्व है। यंहा अनेक प्रकार की होली होती है। जैसे लड्डू होली, रंगो की होली, गुलाल की होली, लठमार होली, फूलों की होली। इन सबमें बरसाना की लठमार होली विश्व प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए देश विदेश से लोग आते हैं।