मंगलवार

भगवान श्री कृष्ण की सबसे प्रिय गोपी राधा बरसाना की ही रहने वाली थीं।

बरसाना मथुरा  जिले के नंदगाँव ब्लाक में स्थित एक क़स्बा है। 


बरसाना  मथुरा से 43 KM की दूरी पर और दिल्ली से 114 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मथुरा से बरसाना जाते समय गोवर्धन रास्ते में पड़ता है। और गोवर्धन से बरसाना १५ किलोमीटर है। 

barsana ki radha rani
Barsana

राधा बरसाना की ही रहने वाली थीं

भगवान श्री कृष्ण की सबसे प्रिय गोपी राधा बरसाना की ही रहने वाली थीं। इनके पिता का नाम वृषभानु था। क़स्बे के मध्य श्री राधा की जन्मस्थली माना जाने वाला श्री राधावल्ल्भ मन्दिर स्थित है।

कुछ का कहना है कि राधाजी का जन्म यमुना के निकट बसे स्थित ग्राम रावल में हुआ था और बाद में उनके पिता बरसाना में बस गए। इस मान्यता के अनुसार नन्दबाबा एवं वृषभानु का आपस में घनिष्ठ प्रेम था। 


राधारानी का प्रसिद्ध मंदिर बरसाना ग्राम की पहाड़ी पर स्थित है। बरसाना में राधा को 'लाड़लीजी' कहा जाता है।

बरसाने की लट्ठमार होली

जब बात होली पर्व की होती है तो बरसाना की होली लोगों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र रहती है। बरसाना गांव में होली अलग तरह से खेली जाती है.  जिसे लठमार होली कहते हैं। इस होली में पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएं उन्हें लाठियों तथा कपड़े के बनाए गए कोड़ों से मारती हैं। 
बरसाना की होली 

देश विदेश से पर्यटकों का होली पर बरसाना आना एक अलग आकर्षण है। बरसाना गाँव लठ्ठमार होली के लिये सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है जिसे देखने के लिये हजारों भक्त एकत्र होते हैं।  बसंत पंचमी से बरसाना होली के रंग में सरोबार हो जाता है।  यहां के घर-घर में होली का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।  

प्रमुख मंदिर : राधारानी मंदिर

लाड़ली जी के मंदिर में राधाष्टमी का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।  राधाष्टमी के उत्सव में राधाजी के महल को काफी दिन पहले से सजाया जाता है। राधाजी को लड्डूओं का भोग लगाया जाता है और उस भोग को मोर को खिला दिया जाता है जिन्हें राधा कृष्ण का स्वरूप माना जाता है। 

राधा रानी मंदिर में राधा जी का जन्मदिवस राधा अष्टमी मनाने के अलावा कृष्ण जन्माष्टमी, गोवर्धन-पूजन, गोप अष्टमी और होली जैसे पर्व भी बहुत धूम-धाम से मनाए जाते हैं। इन त्योहारों में मंदिर को मुख्य रूप से सजाया जाता है, प्रतिमाओं का श्रृंगार विशेष रूप से होता है, मंदिर में सजावटी रोशनी की जाती है और सर्वत्र सुगन्धित फूलों से झांकियां बना कर विग्रह का श्रृंगार किया जाता है। राधा को छप्पन भोग भी लगाए जाते हैं। 

बरसाने के दर्शनीय स्थान

यंहां राधा जी का मुख्य मंदिर तो है ही साथ में इन जगहों पर भी जाना चाहिए।
बरसाना में कुशल विहारी जी का कलात्मक मंदिर जयपुर नरेश माधोसिंह II ने बरसाने में निर्मित करवाया था यह एक बृहत पहाड़ी की तलहटी में बसा है। यह राधा जी के मंदिर से 1 KM की दूरी पर है। इस मंदिर को देखकर ऐसा लगता है कि यह किसी राजा का भव्य राजमहल है।

radha rani ka goan
Barsana

कृपालु जी महाराज द्वारा बनवाया कीर्ति मंदिर बरसाना में दर्शनीय हैं। यंहा श्री राधा जी को बहुत ही सुन्दर ढंग से दिखाया है।  यहां पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है। कीर्ति मंदिर बिलकुल रोड पर ही है। वंही पर खानपान की व्यवस्था भी है। इस मंदिर में बेहद साफ सफाई रहती है। सुबह शाम यह मंदिर दर्शन के लिए खुलता है।   

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